सप्ताह भर की क्रिकेट गतिविधियों को समेटे इस पॉडकास्ट के साथ मैं हाजिर हूँ, संजय बैनर्जी का नमस्कार- सुनो दिल से. दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग-आईपीएल का आज आगाज हो रहा है. लीग अपने 16 वें साल में है, जाहिर है लीग का शबाब अब शिखर पर है. 10 टीमों की इस लीग में लोग भारतीयों के साथ विदेशी खिलाडियों पर भी निगाहे गड़ाए हुए हैं. पिछली चैंपियन गुजरात टाइटंस लीग के 16 वें साल का आगाज चार बार की पूर्व चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ अहमदाबाद से करेगी. जाहिर है समूचे क्रिकेट जगत में अगले तकरीबन दो महीने बेहद दिलचस्प होने वाले हैं.
कोविड और कुछ दूसरे कारणों से पिछले चार सीजन में आईपीएल का पूरा फैलाव देखने को नहीं मिला, लेकिन इस बार कहानी जुदा है. ‘होम एंड अवे’ मैच फिर से होंगे, जबकि पिछले कुछ सीजन में इसे न्यूट्रल वेन्यू पर आयोजित किया गया था. इस बार दस टीमों की इस लीग में कुल 12 मैदानों पर दर्शक मैचों का लुत्फ ले सकते हैं. गुवाहाटी का बरसापारा स्टेडियम पहली बार इन खेलों की मेज़बानी करेगा. इसके अलावा धर्मशाला एक तटस्थ मैदान के रूप मे इस्तेमाल होगा. सभी टीमों को पांच-पांच के दो ग्रुप्स में रखा गया है.
एक ही ग्रुप की टीमें आपस में एक-दूसरे का सामना करेंगी, जबकि दूसरे ग्रुप्स की पांच टीमों से उनका दो-दो बार मुकाबला होगा. इस आधार पर 70 लीग मैच खेले जाने के बाद चार और प्लेआफ मैच भी होंगे. इस तरह, प्रत्येक टीम को लीग चरण में 14-14 मैच खेलने को मिलेंगे. ग्रुप ए की टीमों में मुंबई, कोलकाता, राजस्थान, दिल्ली और लखनऊ हैं तो ग्रुप बी में चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलोर, पंजाब और गुजरात शामिल हैं.
जहां तक टीमों का सवाल है, लगभग सभी ने अपनी ओर से बेहतर इन्फॉर्म खिलाड़ियों को शामिल करने की कोशिश की है. लेकिन लीग शुरू होने से पहले ही चोटिल होने की वजह से कुछ को नाम वापस भी लेना पड़ा है. इसमें मुख्य रूप से मुंबई इंडियंस के जसप्रीत बुमराह और दिल्ली कैपिटल्स के ऋषभ पंभ शामिल हैं. इसके अलावा शुरुआती दौर में कोलकाता नाइट राइडर्स के श्रेयस अय्यर और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के रजत पाटीदार भी नहीं खेलेंगे.
पिछले सीजन में दो नई टीमों गुजरात टाइटंस और लखनऊ सुपर जायंट्स ने प्रभावित किया था, जाहिर है इस बार भी इन दोनों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है. हार्दिक पंड्या की कप्तानी वाली गुजरात टाइटंस में केन विलियमसन के होने से बल्लेबाजी थोड़ी मजबूत होगी. इसके अलावा डेविड मिलर, शुभमन गिल, मैथ्यू वेड भी होंगे. राशिद खान के अलावा गेंदबाजी का दारोमदार मोहम्मद शमी, शिवम मावी और अल्जारी जोसेफ संभालेंगे.
चेन्नई सुपर किंग्स की टीम महेन्द्र सिंह धोनी की करिश्माई उम्मीदों के साथ उतरेगी. इसमें इंग्लैंड के बेन स्टोक्स के शामिल होने से टीम में गजब का कॉम्बिनेशन बना है. इंग्लैंड को दो बार विश्व कप चैंपियन बनाने में स्टोक्स की भूमिका को कमतर नहीं आंका जा सकता, जबकि खुद धोनी भारत को कई आईसीसी ट्रॉफी दिलाने वाले कप्तान हैं. माही का सीएसके के लिए एक और सीजन खेलना सचमुच रोमांच करने वाला होगा. इस टीम में अजिंक्य रहाणे, डेवोन कॉन्वेय, रुतुराज गायकवाड, रविंद्र जडेजा, मिचेल सेंटनर जैसे मैच जिताऊ प्लेयर्स शामिल हैं.
आईपीएल की सबसे कामयाब टीम मुंबई इंडियंस की साख इस बार दांव पर है. पिछली बार उसे प्लेऑफ में भी इन्ट्री नहीं मिली थी, ऐसे में खुद आउट ऑफ फॉर्म चल रहे कप्तान रोहित शर्मा को अपनी ताकत झोंकनी होगी. सूर्यकुमार यादव और ईशान किशन का फॉर्म भी टीम को परेशान कर सकता है. बुमराह की गैर मौजूदगी में मुंबई की पूरी गेंदबाजी का भार जोफ्रा आर्चर पर होगी.
विराट कोहली के कप्तानी छोड़ने के बाद पिछले साल रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर प्लेऑफ तक पहुंची थी. फिर भी फाफ डू प्लेसिस की कप्तानी में आरसीबी को पहली बार खिताब जीतने के लिए दिनेश कार्तिक, हर्षल पटेल, ग्लैन मैक्सवेल और मोहम्मद सिराज पर निर्भर करना पड़ेगा. रजत पाटीदार के फिट होकर लौटने पर बाद के कुछ मैचों में आरसीबी को और बेहतर करने का मौका मिल सकता है.
अपने पहले ही प्रयास में प्लेऑफ में खेलने वाली लखनऊ सुपर जायंट्स के पास बड़े नाम वाले खिलाड़ी मौजूद हैं. खुद कप्तान लोकेश राहुल के अलावा मनन वोहरा, दीपक हुड्डा, मारकस स्टोइनिश, क्विंटन डिकॉक, निकोलस पूरन, आवेश खान और रवि बिश्नोई निश्तिच तौर पर इस बार और बेहतर करने की कोशिश करेंगे.
राजस्थान रायल्स सीजन के शुरुआत में कभी भी टाइटिल की फेवरिट नहीं रही है. इस बार भी ऐसा ही आभास होता है, लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि पहले ही सीजन में खिताब जीतने वाली इस टीम ने पिछले सीजन में फाइनल तक का सफर तय किया था. संजू सैमसन को फिर से कप्तानी के साथ-साथ बैटिंग स्किल को और बेहतर करना होगा.
फाइनल में गुजरात से हारने के बावजूद राजस्थान की टीम का फोकस ट्रॉफी जीतने की ओर होगा. इस काम में उसके पास बेहतर खिलाड़ियों का बेंच स्ट्रेंथ है. जो रूट, शिमरोन हेटमाएर, देवदत्त पडिक्कल, रियान पराग, जोस बटलर, आर अश्विन, जैसन होल्डर, ट्रेंट बोल्ट, युजवेन्द्र चहल और एडम जम्पा जैसे विकल्प टीम को मजबूती देंगे. पिछले सीजन में जोस बटलर अपनी बल्लेबाजी के कारण प्लेयर आॅफ द टूर्नामेंट भी बने थे.
दो बार की पूर्व चैंपियन कोलकाता नाइट राइडर्स को कप्तान श्रेयस अय्यर के बगैर उतरना पड़ेगा. ऐसे में नीतीश राणा उनकी वापसी तक टीम की बागडोर संभालेंगे. केकेआर के पास डेविड वीज, शाकिब अल हसन, वेंकटेश अय्यर, सुनील नारायण, उमेश यादव, टिम साउदी, शार्दुल ठाकुर और लॉकी फग्र्युसन जैसे बेहतरीन क्रिकेटर हैं.
शिखर धवन शायद उन खिलाड़ियों में शामिल हैं जिसे कभी भी उनकी योग्यता के अनुसार सम्मान नहीं मिला. बावजूद इसके वह लगातार बेहतर करने से नहीं चूकते हैं. इस बार पंजाब किंग्स को चैंपियन बनाने के लिए धवन बाकी खिलाड़ियों का पूरा उपयोग करेंगे. उनका साथ देने के लिए लियाम लिविंगस्टोन, रिषी धवन, सैम कुरन, राहुल चाहर, कैगिसो रबाडा और डेथ ओवर्स के माहिर अर्शदीप सिंह मौजूद हैं. परंतु टीम को जॉनी बेयरस्टो की कमी जरूर खलेगी.
आस्ट्रेलियाई ओपनर डेविड वार्नर दिल्ली कैपिटल्स की नैया पार लगाने में पृथ्वी शॉ और मनीष पांडे के साथ होंगे. साथ में मिथुन मिनहास, अक्षर पटेल, ईशांत शर्मा, मुकेश कुमार, एनरिक नोखिया और कुलदीप यादव भी होंगे. ऋषभ पंत के न होने से दिल्ली पर दबाव तो होगा लेकिन यह टीम पहले भी खिताब जीत चुकी है और इस बार भी उसमे क्षमता है.
सनराइजर्स हैदराबाद इस बार आईपीएल में और रोमांच ला सकता है, क्योंकि ऐडन मारक्रम टीम की कमान संभाल रहे हैं. एक और दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी हेनरिक क्लासेन के होने से टीम की बल्लेबाजी मजूबत होगी. मयंक अग्रवाल, राहुल त्रिपाठी, वाशिंगटन सुदंर, आदिल रशीद, भुवनेश्वर कुमार और उमरान मलिक के अलावा जिस एक नाम से सभी टीमों में खौफ है, वह हैं हैरी ब्रूक. यह भी देखना है कि हैरी बड़ी कीमत पर शामिल होने के बाद टीम को क्या दे सकते हैं. वैसे मारक्रम के पहले मैच में नहीं होने के कारण हैदराबाद टीम की कप्तानी भुवनेश्वर कुमार करेंगे.
इधर वीमेंस प्रीमियर लीग-यानि डब्ल्यूपीएलका पहला सत्र जोरदार रहा. इस लीग को पहले ही प्रयास में हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली मुंबई इंडियंस ने जीत कर अपने नाम कर लिया. फाइनल में मुंबई इंडियंस ने पॉइट्स टेबल में टॉप पर रहने वाली दिल्ली कैपिटल्स को सात विकेट से हराया.
डब्ल्यूपीएल का पहला सीजन जिस तरह से सफल रहा, उससे अब दुनिया भर में महिला क्रिकेट का नया रास्ता खुला है. विदेशी खिलाड़ियों ने भी अपने प्रदर्शन से इस लीग में जोरदार मौजूदगी का अहसास कराया. चैंपियन बनी मुंबई इंडियंस को ही लीजिए, वेस्टइंडीज की आलराउंडर हेली मैथ्यूज प्लेयर आॅफ द टूर्नामेंट बनीं जिनका प्रदर्शन शानदार रहा. इसी तरह इंग्लैंड की नेट सीवर ब्रंट ने कमाल का परफोरमेंस दिया. खासकर एलिमिनेटर और फाइनल में.
दोनों में वह प्लेयर आॅफ द मैच रहीं और मुंबई को चैंपियन बनाने में जबर्दस्त भूमिका अदा की . भारतीय खिलाड़ियों में खुद हरमनप्रीत कौर ने सबका दिल जीता. उन्होंने तीन अर्धशतक के साथ 281 रन बनाये. टॉप फाइव रन गेटर्स हों या फिर टॉप फाइव विकेट टेकर-सभी में विदेशी खिलाड़ी बाजी मार ले गयी. गेंदबाजी में एक नाम भारत की शाइका इशाक का रहा जिसने 15 विकेट लेकर खुद को लीग की खोज साबित किया.
वैसे बल्लेबाजी में दिल्ली कैपिटल्स की आस्ट्रेलियाई कप्तान मैग लेनिंग और यूपी वॉरियर्स की आस्ट्रेलियाई ताहिलिया मैक्ग्रा ने सबको प्रभावित किया. जबकि गेंदबाजी में यूपी वॉरियर्स की इंग्लिश क्रिकेटर सोफी एक्लेस्टन, मुबंई की आस्ट्रेलियाई एमेलिया केर और इसी वोंग छायी रहीं. इसी वोंग ने एकमात्र हैट्रिक भी जमाई.
इस बार गुजरात जायंट्स और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू ने निराश किया. दोनों टीमें आठ में से केवल दो-दो मैच जीत कर प्लेऑफ से बाहर रही.
जिस भारतीय खिलाड़ी ने सबसे ज्यादा निराश किया वह स्मृति मंधाना रहीं. आरसीबी की कप्तान के तौर पर उनका बल्ला एक बार भी 35 के पार नहीं जा सका और शायद टीम के खराब प्रदर्शन में इसका भी हाथ रहा.
और अंत में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट. भारत ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज 2-1 से जीत ली, लेकिन तीन वनडे मैचों की सीरीज कंगारुओं ने 2-1 से अपने नाम की. इस दौरान जिस इंदौर के होलकर ग्राउंड की पिच को आईसीसी ने खराब रेटिंग दिया था, उसे अब बदलकर औसत से कम कर दिया है. इससे अब भारत को तीन के बजाय एक डिमेरिट अंक मिलेगा. यह था, सप्ताह भर की क्रिकेट गतिविधियों पर आधारित पॉडकास्ट-सुनो दिल से. संजय बैनर्जी को अनुमति दीजिए नमस्कार.